पवन सिंह के लिए ‘रोजी-रोटी बंद हो जाएगी’, ज्योति सिंह का इमोशनल बयान और आंसू छलक पड़े
बिहार की मनोरम राजनीति और व्यक्तिगत रिश्तों के जटिल धागों के बीच एक नई कहानी सामने आई है, जिसमें भोजपुरी सिंगर और अभिनेता पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहा विवाद प्रमुख मुद्दा बन गया है। इन दोनों के बीच चल रहे विवाद की असली वजह को लेकर अब खुलासा हो चुका है।
ज्योति सिंह का कहना है कि पवन सिंह का परिवार उन्हें और उनके पति को अलग कर रहा है। उनका आरोप है कि पवन सिंह के परिवार वाले उन्हें उचित स्थान नहीं दे रहे हैं और उनके खिलाफ गलत बातें फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पवन सिंह के मित्र और परिजनों के कान भरने की वजह से वह उनसे दूर होती जा रही हैं।
इसी बीच, ज्योति सिंह ने यह भी ऐलान किया है कि वह काराकाट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी हैं। उनका कहना है कि इस चुनावी लड़ाई के दौरान उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत अपने पति पवन सिंह की है, लेकिन वर्तमान में वह उनके साथ नहीं हैं।
बिहार तक संग के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में, ज्योति सिंह ने अपने पति और परिवार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनसे पूछा गया कि क्या वह आज भी पवन सिंह से उतना ही प्रेम करती हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “लोग पता नहीं किस तरह से देखते हैं। मैं सच्चाई आपको बता रही हूं कि मैं पवन जी से लड़ ही रही हूं, पवन सिंह जी के लिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि जनता मिलकर यह आवाज उठाती कि ज्योति सिंह और पवन सिंह को एक होना चाहिए, तो आज यह दोनों साथ होते। वह चाहती हैं कि उनका पति उनके पास लौट आए। उनका कहना है कि एक महिला के लिए पति का साथ बहुत जरूरी है क्योंकि इससे उसे ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि जब उनका पति उनके साथ नहीं होता है, तो वह खुद को कमजोर महसूस करती हैं।
ज्योति सिंह ने इमोशनल होकर कहा, “मुझे मेरा पति मिल जाए। मेरी पति से बातचीत हो जाए। मैं चाहती हूं कि हम एक हो जाएं। कौन औरत नहीं चाहेगी कि उसका पति उसके साथ हो।” उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में संघर्ष तो है, लेकिन भगवान महादेव पर भरोसा रखकर लड़ रही हैं।
जब उनसे पूछा गया कि काराकाट चुनाव में पवन सिंह उनके साथ नहीं हैं, तो क्या उन्हें कोई कमी महसूस हो रही है, तो उन्होंने कहा कि कई जगह महसूस होता है कि यदि वह उनके साथ होते, तो ऐसा नहीं होता। उन्होंने कहा कि वह भगवान पर भरोसा रखती हैं।
पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन के इस जटिल मोड़ पर, ज्योति सिंह ने पवन सिंह के प्रति अपनी भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पवन सिंह बहुत अच्छे इंसान हैं, जो बातें सुनते हैं और उन्हें ही सच मानते हैं। उनका आरोप है कि उनके परिवार और दोस्तों के कान भरने की वजह से वह उनसे दूर हो रही हैं।
ज्योति सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने पवन सिंह से 15 दिनों का समय मांगा था ताकि उनके बीच फिर से बात हो सके। लेकिन उनके भाई धनंजय ने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पवन सिंह अपनी पत्नी को अपना लेते हैं, तो उनकी रोजी-रोटी पर प्रभाव पड़ेगा।
यह कहानी इस बात का प्रतीक है कि व्यक्तिगत रिश्तों और सामाजिक जीवन के बीच जटिलता कितनी अधिक हो सकती है। दोनों के बीच का यह विवाद केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक भी बन चुका है। समय ही बताएगा कि यह कहानी आगे कैसे विकसित होती है और इन दोनों के बीच संबंध कितने मजबूत बनते हैं।



