बिहार चुनाव: आरा में ‘जनसुराज’ प्रत्याशी की गाड़ी पर नशे में धुत युवक का हमला, ईंट-पत्थर से किया हमला
बिहार के आरा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है। जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी डॉ. विजय गुप्ता पर नशे में धुत एक युवक द्वारा हमला किए जाने की घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस घटना ने न सिर्फ चुनावी तनाव को बढ़ाया है बल्कि यह शराबबंदी और जंगलराज की स्थिति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं इस पूरे मुद्दे पर प्रकाश डालते हैं।
घटना का संक्षेप में विवरण
बुधवार को भोजपुर जिले के आरा विधानसभा क्षेत्र में यह घटना घटी, जब डॉ. विजय गुप्ता अपने समर्थकों के साथ जनसंपर्क अभियान पर निकले थे। जैसे ही उनका काफिला पिरौटा गांव पहुंचा, नशे में धुत एक युवक ने अचानक स्कॉर्पियो वाहन पर ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इस हमले में वाहन का शीशा टूट गया और कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया, और वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
प्रत्याशी का आरोप और प्रतिक्रिया
डॉ. विजय गुप्ता ने इस घटना को सोची-समझी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा, “यह हमला नशे में नहीं बल्कि एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा है।” उन्होंने इस घटना को जंगलराज की याद दिलाने वाला बताया और आरोप लगाया कि यह सब उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराए विरोधियों का कार्य है। उनका यह भी कहना है कि विरोधी दल, जो जनसुराज पार्टी को टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं, इस तरह की घटनाओं के माध्यम से अपने नकारात्मक अभियान को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. विजय गुप्ता ने आरोप लगाया कि यह हमला राजनीतिक द्वेष का परिणाम है और यह दर्शाता है कि उनके विरोधी उनकी बढ़ती जनसमर्थन से भयभीत हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना बिहार चुनाव के माहौल में राजनीतिक तनाव को और बढ़ावा दे रही है।
शराबबंदी और जंगलराज का मुद्दा
इस घटना के बहाने डॉ. विजय गुप्ता ने शराबबंदी कानून की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “शराबबंदी कानून पूरी तरह से असफल हो चुका है। यह कानून कागजों पर तो है, लेकिन गांव-गांव में नशा अभी भी जारी है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की यह नीतियां न सिर्फ नाकाम हैं, बल्कि शराब के अवैध कारोबार को भी बढ़ावा दे रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में जंगलराज का माहौल फिर से बनता जा रहा है, जहां कानून का शासन नहीं है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन और आरजेडी की सरकारें भी इस स्थिति को सुधारने में असमर्थ हैं। जनता इन दोनों सरकारों से तंग आ चुकी है और बदलाव की मांग कर रही है।
राजनीतिक माहौल और चुनावी प्रभाव
यह घटना बिहार के राजनीतिक माहौल को गर्मा गई है। विपक्षी पार्टियों ने घटना का विरोध करते हुए कहा है कि यह सरकार की विफलता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि नशे की लत और जंगलराज की स्थिति ने प्रदेश की जनता का जीवन बहुत ही मुश्किल बना दिया है।
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि आरोपी युवक की तलाश की जा रही है, और घटना के पीछे किन कारणों से यह हमला हुआ, इसकी पड़ताल की जा रही है।यह घटना बिहार के चुनावी माहौल में न केवल राजनीतिक तनाव को दर्शाती है, बल्कि यह शराबबंदी की विफलता और जंगलराज की स्थिति को भी उजागर करती है। जनता इन दोनों व्यवस्थाओं से निराश हो चुकी है और बदलाव की उम्मीद कर रही है। राजनीतिक दल इस घटना का अपने-अपने तरीके से उपयोग कर रहे हैं, जिससे यह साफ है कि बिहार की राजनीति अभी भी गहरे विवादों और मुद्दों से घिरी हुई है। आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं और भी बढ़ सकती हैं, जो राज्य के राजनीतिक, सामाजिक और कानून व्यवस्था पर असर डाल सकती हैं।



