बिहार चुनाव: धनबल पर कठोर कार्रवाई, तीन दिन में 33.97 करोड़ जब्त
बिहार: बिहार में आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति गरमाने लगी है। इस बार का चुनाव अपने आप में खास है क्योंकि चुनाव आयोग ने पैसों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। चुनाव की तारीखों के घोषणापत्र के बाद से ही आयोग ने अपने निगरानी तंत्र को मजबूत कर दिया है। अभी तक तीन दिनों में ही आयोग ने कुल 33.97 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, ड्रग्स और मुफ्त सामान जब्त किए हैं, जो कि चुनाव में धन के दुरुपयोग का संकेत है। इससे स्पष्ट है कि चुनाव आयोग चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से सतर्क है।
आयोग ने चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के खर्च पर निगरानी के लिए विशेष व्यवस्था की है। इसके तहत, सभी विधानसभा क्षेत्रों में व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं, जो उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर नजर रखेंगे। ये पर्यवेक्षक न केवल उम्मीदवारों के खर्च की जांच करेंगे, बल्कि पूरे चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह के धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी सतर्क रहेंगे। चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी प्रवर्तन एजेंसियों को धन और अवैध सामग्री की जब्ती के लिए सक्रिय किया जाए। उड़नदस्ता, निगरानी दल और वीडियो निगरानी दल चौबीसों घंटे सक्रिय रहेंगे, ताकि मतदाताओं को प्रलोभन देने या धनबल के दुरुपयोग के किसी भी प्रयास को रोका जा सके।
इस समय चुनाव आयोग का उद्देश्य न केवल चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करना है, बल्कि मतदाताओं को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास को भी रोकना है। इसी के चलते, चुनाव आयोग ने अपनी कार्रवाई के तहत तीन दिनों में ही करीब 34 करोड़ रुपये की नकदी और अन्य मादक पदार्थ जब्त किए हैं। इन प्रयासों का मुख्य मकसद है कि चुनाव में किसी भी तरह का धनबल का प्रयोग न हो, और सभी उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ निष्पक्ष तरीके से प्रचार कर सकें।
इस समय चुनाव आयोग का उद्देश्य न केवल चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करना है, बल्कि मतदाताओं को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास को भी रोकना है। इसी के चलते, चुनाव आयोग ने अपनी कार्रवाई के तहत तीन दिनों में ही करीब 34 करोड़ रुपये की नकदी और अन्य मादक पदार्थ जब्त किए हैं। इन प्रयासों का मुख्य मकसद है कि चुनाव में किसी भी तरह का धनबल का प्रयोग न हो, और सभी उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ निष्पक्ष तरीके से प्रचार कर सकें।
इस समय चुनाव आयोग का उद्देश्य न केवल चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करना है, बल्कि मतदाताओं को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास को भी रोकना है। इसी के चलते, चुनाव आयोग ने अपनी कार्रवाई के तहत तीन दिनों में ही करीब 34 करोड़ रुपये की नकदी और अन्य मादक पदार्थ जब्त किए हैं। इन प्रयासों का मुख्य मकसद है कि चुनाव में किसी भी तरह का धनबल का प्रयोग न हो, और सभी उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ निष्पक्ष तरीके से प्रचार कर सकें।
कुल मिलाकर, बिहार चुनाव 2025 न केवल राजनीतिक लड़ाइयों का मैदान है, बल्कि यह चुनाव आयोग की कड़ी निगरानी और सतर्कता का भी परिचायक है। धनबल और मादक पदार्थों के प्रयोग को रोकने के लिए उठाए गए कदम चुनाव को निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास हैं। उम्मीद है कि इस बार का चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो, ताकि जनता का विश्वास बना रहे और लोकतंत्र की मजबूती भी सुनिश्चित हो सके।



