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शेयर बाजार में गिरावट: इन 6 मुख्य कारणों से सेंसेक्स 500 अंक नीचे, सभी सेक्टर लाल निशान में

 शेयर बाजार में गिरावट: इन 6 मुख्य कारणों से सेंसेक्स 500 अंक नीचे, सभी सेक्टर लाल निशान में
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Share Market Fall: शेयर बाजार में मंगलवार, 14 अक्टूबर को लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली। भारतीय प्रमुख शेयर सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही अपनी शुरुआती बढ़त को गंवाकर लाल निशान में आ गए। सेंसेक्स करीब 500 अंकों तक गिर गया, और वहीं निफ्टी फिसलकर 25,100 के नीचे आ गया। इस गिरावट के पीछे कमजोर ग्लोबल संकेत, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और एक्सपायरी से जुड़ी वोलैटिलिटी का महत्वपूर्ण भूमिका रही।

दोपहर 12.50 बजे के करीब, सेंसेक्स 492.77 अंक या 0.60 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,834.28 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 145.25 अंक या 0.58 प्रतिशत गिरकर 25,082.10 पर था। बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स भी लगभग 0.9 प्रतिशत तक टूट गए। सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जो बाजार की समग्र कमजोरी को दर्शाता है।

मंगलवार को बाजार में गिरावट का मुख्य कारण कई आर्थिक और वैश्विक कारण हैं। सबसे पहले, एक्सपायरी से जुड़ी वोलैटिलिटी बाजार में बढ़ी है। निफ्टी से जुड़े फ्यूचर्स और ऑप्शंस का हफ्तावार एक्सपायरी दिन है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव और बढ़ जाते हैं। इस दिन निवेशक अपने डेरिवेटिव पोजीशन्स को स्क्वायर-ऑफ करते हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ती है।

दूसरा बड़ा कारण है, इंडिया VIX का बढ़ना। सोमवार को इंडिया VIX 3 प्रतिशत बढ़कर 11 के स्तर पर पहुंच गया। यह इंडेक्स बाजार की अनिश्चितता और अस्थिरता का संकेत देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि VIX में बढ़ोतरी का अर्थ है कि निवेशकों में बढ़ती चिंता और जोखिम का माहौल बन रहा है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस समय बाजार सीमित दायरे में रह सकता है और आगामी तिमाही नतीजे तथा वैश्विक आर्थिक नीतियों पर निवेशकों का ध्यान केंद्रित है।

तीसरा कारण कमजोर ग्लोबल संकेत हैं। एशियाई बाजारों में भी आज बिकवाली का माहौल रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स और चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स लगभग 1 प्रतिशत तक गिर गए। जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स भी करीब 3 प्रतिशत गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी बाजारों के फ्यूचर्स भी सुबह के कारोबार में लगभग 0.5 प्रतिशत नीचे थे, जिससे ग्लोबल सेंटिमेंट कमजोर हुआ।

रुपए की भी कमजोरी भारतीय निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में, डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे गिरकर 88.77 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। डॉलर में मजबूती और विदेशी निवेशकों की निकासी ने रुपये पर दबाव बढ़ाया है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम भी बढ़ रहे हैं। ब्रेंट क्रूड का भाव मंगलवार को 0.33 प्रतिशत बढ़कर 63.53 डॉलर प्रति बैरल हो गया। महंगे क्रूड की कीमतें भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए चिंता का विषय हैं, क्योंकि इससे महंगाई और चालू खाता घाटा (CAD) बढ़ने का खतरा रहता है।

एनालिस्ट्स का कहना है कि, कोटक सिक्योरिटी के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान के अनुसार, निफ्टी का महत्वपूर्ण समर्थन स्तर 25,150 और 25,100 के आसपास है। यदि बाजार इन स्तरों से नीचे गिरता है, तो निफ्टी 25,000-24,950 और सेंसेक्स 81,500-81,300 तक फिसल सकता है। वहीं, ऊपर की ओर रुकावटें 25,350-25,400 और 82,500-82,800 पर देखी जा रही हैं। बाजार की इन चालों और संकेतों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, ताकि वे अपने निवेश को सुरक्षित कर सकें और बेहतर निर्णय ले सकें।

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