दुर्गापुर कांड : ममता पर बीजेपी का हमला , बोली – झूठा बयान दे रही सीएम
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा से हैवानियत के मामले ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर अब विपक्ष ने तीखा हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी झूठा बयान दे रही हैं और राज्य सरकार प्रशासनिक विफलता को छिपाने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी का आरोप — “ ममता बनर्जी झूठा बयान दे रही हैं ”
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा ,“ ममता बनर्जी एक बार फिर झूठा बयान जारी कर रही हैं, क्योंकि घटना परिसर के अंदर नहीं हुई थी। यह प्रशासन की पूरी तरह से विफलता है। ”
मजूमदार ने आगे कहा कि राज्य सरकार की जांच प्रणाली पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुकी है, और यही कारण है कि “ इस तरह के अपराधी खुलेआम अपराध करने का साहस जुटा रहे हैं। ”
उन्होंने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि “ सरकार को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, वरना ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति होती रहेगी। ”
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने की फास्ट-ट्रैक ट्रायल की मांग
ओडिशा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सोवाना मोहंती ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पीड़िता का इलाज जारी है और पश्चिम बंगाल सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिले।
उन्होंने अपील की — “ ऐसे जघन्य अपराधों के आरोपियों पर फास्ट-ट्रैक अदालतों में मुकदमा चलाया जाए जिससे पीड़िता को जल्द न्याय मिल सके। ”
क्या कहा था ममता बनर्जी ने ?
12 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गापुर मेडिकल छात्रा से दुष्कर्म मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि यह घटना “ चौंकाने वाली और शर्मनाक ” है। उन्होंने कहा ,“ हमारी सरकार ऐसी घटनाओं को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती। तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और बाकी की तलाश जारी है। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। ”
हालांकि ममता ने यह भी कहा था कि “ निजी कॉलेजों को परिसर के भीतर और आसपास सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। ” बाद में मुख्यमंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि “ मीडिया ने मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। ”
दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज से जुड़ी छात्रा के साथ हुई हैवानियत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी की तलाश जारी है।
वहीं विपक्ष लगातार इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था की विफलता का आरोप लगा रहा है।



