Facebook Twitter Instagram youtube youtube

दिल्ली हाईकोर्ट : DPS द्वारका पर पॉक्सो आरोप खारिज ,’ सूचना में थोड़ी देरी अपराध नहीं ‘

 दिल्ली हाईकोर्ट : DPS द्वारका पर पॉक्सो आरोप खारिज ,’ सूचना में थोड़ी देरी अपराध नहीं ‘
Spread the love

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) द्वारका और उसके अधिकारियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 21 के तहत लगाए गए आरोप खारिज कर दिए। न्यायमूर्ति अमित महाजन ने कहा कि बाल यौन अपराध की सूचना में थोड़ी देरी को अपराध नहीं माना जा सकता। अदालत ने निचली अदालत के 15 मार्च 2023 के आदेश को रद्द कर दिया।

मामले का संक्षिप्त विवरण

अप्रैल 2022 में ,डीपीएस द्वारका में आईडी कार्ड के लिए फोटो खिंचवाने के दौरान एक फोटोग्राफर के सहायक पर एक नाबालिग छात्रा के साथ अनुचित व्यवहार का आरोप लगा। छात्रा ने तुरंत अपनी शिक्षिका को घटना की जानकारी दी।

स्कूल के काउंसलर और वाइस – प्रिंसिपल ने छात्रा से बात की और सुबह 11:40 बजे जानकारी मिलने के बाद आंतरिक जांच शुरू की। दोपहर 1:15 बजे छात्रा की मां को सूचित किया गया। इसके बाद दोपहर 2:58 बजे मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पॉक्सो एक्ट की धारा 10 के तहत एफआईआर दर्ज हुई।

निचली अदालत का आदेश

द्वारका सेशंस कोर्ट ने स्कूल अधिकारियों पर पॉक्सो एक्ट की धारा 21 के तहत आरोप तय किए थे। अदालत ने कहा था कि स्कूल ने अपनी प्रतिष्ठा की चिंता में पुलिस को तुरंत सूचना नहीं दी और छात्रा को मानसिक प्रताड़ना हुई।

हाईकोर्ट का फैसला

न्यायमूर्ति महाजन ने कहा कि पॉक्सो एक्ट की धारा 19 और 21 में रिपोर्टिंग के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं है। अदालत ने दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की 2013 की गाइडलाइंस का हवाला दिया , जिसमें घटना की सूचना मिलने पर 24 घंटे में जांच शुरू करने और 48 घंटे में पुलिस को रिपोर्ट करने का निर्देश है।

स्कूल ने तुरंत चाइल्ड एब्यूज मॉनिटरिंग कमिटी बनाई , जांच पूरी की और मां को सूचित किया। अदालत ने माना कि कुछ घंटों की देरी से सबूतों को नुकसान का खतरा नहीं था और स्कूल की मंशा छिपाने की नहीं थी।

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *