बिहार चुनाव: पटना से दिल्ली तक हलचल, NDA की सीट लिस्ट आज जारी, उम्मीदवारों पर भी नजर
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं, और खासतौर पर दूसरे चरण के चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही महागठबंधन में सीट बंटवारे का पेच अभी भी जस का तस है, जबकि सत्ताधारी गठबंधन यानी एनडीए ने अपनी सीट साझा करने की रूपरेखा तय कर ली है। पटना में आज शाम 4 बजे एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी है, जिसमें एनडीए के घटक दल अपने-अपने उम्मीदवारों का विवरण साझा करेंगे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीटों का फाइनल ऐलान होने की संभावना है, क्योंकि पहले ही बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एनडीए के उम्मीदवारों की पहली सूची का संकेत दे दिया है।
एनडीए का सीट शेयरिंग फॉर्मूला और उम्मीदवारों का ऐलान
बिहार में सत्ताधारी एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और जेडीयू दोनों ही दल 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं। वहीं, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 6-6 सीटें दी गई हैं। इन सभी दलों के उम्मीदवारों का नामांकन प्रक्रिया के तहत अंतिम रूप दिया जा रहा है, और उम्मीद है कि आज शाम को प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने उम्मीदवारों का नाम घोषित करेंगे।
तेजप्रताप यादव की उम्मीदवारी का भी होगा ऐलान
इसी बीच, तेजप्रताप यादव की पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ का भी चुनावी मैदान में उतरना तय माना जा रहा है। उनके महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा आज ही हो सकती है। तेजप्रताप यादव 16 अक्तूबर को महुआ सीट से नामांकन भी दर्ज करेंगे। पार्टी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर सकती है, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनके प्रत्याशी कौन-कौन हैं।
जन सुराज पार्टी की दूसरी लिस्ट भी आज
राजनीति रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी ‘जन सुराज’ भी आज अपनी दूसरी लिस्ट जारी करेगी। पार्टी ने पहले ही 51 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए वह अपने प्रत्याशियों के नाम सार्वजनिक करेंगे। यह पार्टी भी चुनावी जंग में अपना स्थान बनाने के प्रयास में है, और आज की घोषणा से उनके उम्मीदवारों की संख्या और सीटों का निर्धारण स्पष्ट हो जाएगा।
महागठबंधन में अभी भी असमंजस
वहीं, विपक्षी महागठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला अभी तक पूरी तरह तय नहीं हो पाया है। महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों को लेकर सहमति बनने में देरी हो रही है। इस बीच, सूत्रों के अनुसार, अभी भी चर्चा चल रही है कि कौन सा दल कितनी सीटें लड़ेगा, जिससे महागठबंधन की रणनीति और उम्मीदवारों की घोषणा में विलंब हो रहा है। यह स्थिति चुनावी माहौल को और भी पेचीदा बना रही है।
नामांकन प्रक्रिया और चुनावी तारीखें
बिहार में दूसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस चरण में 122 विधानसभा सीटों पर मतदान 11 नवंबर को होना है। नामांकन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर निर्धारित की गई है, जिसमें इच्छुक उम्मीदवार 11 से 3 बजे के बीच अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे। उम्मीदवारों के नामांकन के साथ ही चुनावी गतिविधियां तेज हो जाएंगी।
किन जिलों में होंगे चुनाव
दूसरे चरण में बिहार के पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के साथ ही शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार जिलों की सीटों पर मतदान होगा। इसके अलावा, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गयाजी, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर जिलों की सीटों पर भी मतदान आयोजित किया जाएगा। इस चरण का चुनाव इन जिलों की जनता के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां की सीटें राजनीतिक समीकरण को प्रभावित कर सकती हैं।
चुनाव की प्रमुख तैयारियां
बिहार में चुनावी तैयारियां अब अंतिम दौर में हैं। निर्वाचन आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है, ताकि मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सके। साथ ही, विभिन्न दल अपने-अपने प्रचार अभियान तेज कर रहे हैं। मतदाताओं का मत हासिल करने के लिए नेता घर-घर जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं। सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल बढ़ गया है, ताकि युवा मतदाताओं को लुभाया जा सके।बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार-प्रसार तेज हो चुका है। एनडीए ने अपनी सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर लिया है और आज होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उम्मीदवारों का ऐलान होने की उम्मीद है। वहीं, महागठबंधन में अभी भी सहमति नहीं बन सकी है, जिससे राजनीतिक माहौल में तनाव बना हुआ है। इन सबके बीच, चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की निगाहें नामांकन और उम्मीदवारों के चयन पर टिकी हैं। यह चुनाव बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को नई दिशा देने वाले हैं, और परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि जनता ने किसे अपना समर्थन दिया है।



