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बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी का ‘हर घर Job’ अभियान, जनता के लिए नया संदेश

 बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी का ‘हर घर Job’ अभियान, जनता के लिए नया संदेश
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बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने एक बड़ा और महत्वाकांक्षी ऐलान किया है। तेजस्वी यादव ने चुनावी दौड़ में सरकारी नौकरी को केंद्र में रखते हुए जनता को बड़ा वादा किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल जुमलेबाजी करना नहीं है, बल्कि अपने वादों को पूरा करना है।

तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर हमारी सरकार बनती है, तो हर घर में एक सरकारी नौकरी दिलवाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि 20 साल पुरानी वर्तमान सरकार ने बेरोजगारी के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनके शासन में पिछले 17 महीनों में लोगों को नौकरी दी गई है, जबकि अब की सरकार बेरोजगारी भत्ता देने की बात कर रही है।

आरजेडी नेता ने इस घोषणा को केवल एक वादा नहीं, बल्कि अपना प्रण बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में अब नौकरी का नवजागरण होगा। बिहार के उन परिवारों के लिए जिनके पास सरकारी नौकरी नहीं है, एक नया अधिनियम बनाया जाएगा। इस अधिनियम के तहत हर परिवार में कम से कम एक सरकारी नौकरी अनिवार्य रूप से दी जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार बनने के 20 दिन के भीतर अधिनियम बनाए जाएंगे और 20 महीनों के अंदर ऐसा बिहार का कोई घर नहीं बचेगा जिसके पास सरकारी नौकरी नहीं होगी।

तेजस्वी यादव ने वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “20 साल की सरकार ने हर घर को खौफ दिया, हम अब हर घर को सरकारी नौकरी देंगे।” उनका कहना है कि इस कदम से बिहार में नौकरी से जुड़ी सभी कमी स्वतः ही पूरी हो जाएगी।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी घोषणा सिर्फ वादे तक सीमित नहीं है। तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने पूरी सर्वेक्षण प्रक्रिया और डेटा तैयार कर लिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो वादा किया गया है, उसे पूरी तरह से लागू किया जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनका प्रण यही है कि संभव हो सके वही कदम उठाए जाएंगे।

इस घोषणा पर जेडीयू की प्रतिक्रिया भी सामने आई। जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और महागठबंधन को यह समझ लेना चाहिए कि आगामी चुनाव में उनकी हार तय है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही बिहार की जनता को योजनाओं के तहत सभी लाभ दे चुके हैं। झा ने तेजस्वी के वादे को “नौकरी के बदले जमीन मॉडल” करार दिया और कहा कि जनता अब इस तरह के वादों को स्वीकार नहीं करती।

बिहार विधानसभा चुनाव इस बार दो चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, जिसमें 121 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा, जिसमें 122 सीटों शामिल हैं। वोटों की गणना 14 नवंबर को की जाएगी। इस बार राज्य में कुल 7.43 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे, जिनमें 14 लाख नए वोटर भी शामिल हैं।

तेजस्वी यादव का यह वादा स्पष्ट रूप से चुनावी रणनीति का हिस्सा है। उनका जोर बेरोजगारी और आर्थिक न्याय पर है। उन्होंने सामाजिक न्याय के बाद अब आर्थिक न्याय लाने का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि अगर आरजेडी की सरकार बनती है, तो बिहार में नौकरी की समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा।

आरजेडी के इस बड़े वादे के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है। तेजस्वी यादव का यह वादा जनता और विपक्ष दोनों के लिए चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है। अब यह चुनावी लड़ाई बेरोजगारी, सरकारी नौकरियों और विकास के मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती नजर आएगी।

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