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फैक्ट चेक: नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी के सामने लगे ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ के नारे

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बिहार में चुनावी माहौल के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की रैली के दौरान ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे लगाए गए। यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा किया जा रहा है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या वास्तव में ऐसी नारेबाजी हुई थी। हालांकि, आजतक फैक्ट चेक ने इस वीडियो की सच्चाई की जांच की है और पाया है कि यह वीडियो एडिटेड है, जिसमें दूसरे कार्यक्रम का ऑडियो जोड़ा गया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है और कैसे इसकी पुष्टि की गई।

वायरल वीडियो का दावा और प्रसार

सोशल मीडिया पर एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “गज़ब का नारा लगा दिया जब मंच पर नीतीश कुमार जी और सम्राट चौधरी मंच साझा कर रहे थे, फिर क्या बिहार की जनता वोट चोर गद्दी छोड़ का जबरदस्त नारा लगा दिया। सब के सब एक दूसरे को ताकतें रहे।” इस पोस्ट के साथ वीडियो को साझा किया गया, जिसमें कथित तौर पर नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी के भाषण के दौरान जनता से ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे लगते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, खासकर चुनावी माहौल में राजनीतिक दलों और आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

फैक्ट चेक की शुरुआत और जांच प्रक्रिया

आजतक फैक्ट चेक ने इस वीडियो की सत्यता जांचने का फैसला किया। सबसे पहले, वीडियो के कीफ्रेम्स को ध्यान से देखा गया। इसके बाद, वीडियो को रिवर्स सर्च किया गया ताकि इसकी मूल स्रोत का पता चल सके। रिवर्स सर्च से पता चला कि यह वीडियो ‘Up24 news’ की 25 सितंबर की रिपोर्ट में भी मौजूद है। इस रिपोर्ट में वीडियो का वह हिस्सा करीब 1 मिनट 16 सेकंड पर देखा जा सकता है। इसमें कोई भी ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ जैसे नारे सुनाई नहीं दे रहे हैं।

वीडियो का विश्लेषण और ऑडियो का मिलान

वीडियो का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि वायरल हो रहे वीडियो का ऑडियो उसमें मौजूद कार्यक्रम के मूल ऑडियो से मेल नहीं खाता। वीडियो के एडिट किए जाने का संकेत भी मिलते हैं, क्योंकि इसमें अन्य कार्यक्रम का ऑडियो जोड़कर एक नया सीन तैयार किया गया है। इसके अलावा, वीडियो में दर्शाए गए दर्शक और मंच पर मौजूद लोगों की गतिविधियों का भी विश्लेषण किया गया, तो यह भी स्पष्ट हुआ कि वायरल वीडियो का फॉर्मेट और ऑडियो मिलान नहीं है।

मूल कार्यक्रम का सत्यापन

मूल वीडियो सासाराम में 24 सितंबर को हुए एनडीए कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम का है। इस कार्यक्रम में भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं ने भाग लिया था। इस दौरान, किसी भी वक्तव्य या मंच से कोई भी नारा ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ नहीं सुना गया। वीडियो का विश्लेषण बताते हैं कि वायरल वीडियो को एडिट कर उस पर झूठा आरोप लगाया गया है कि इसमें नारे लगाए गए हैं।

सामाजिक मीडिया पर फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश

यह जांच इस बात का उदाहरण है कि किस तरह सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी और वीडियो को एडिट कर फैलाया जाता है। वायरल वीडियो का मूल स्रोत और उसकी सत्यता जांचने के लिए कई तकनीकी उपाय किए गए, जिनमें वीडियो रिवर्स सर्च, ऑडियो मिलान, और वीडियो विश्लेषण शामिल हैं। इन सभी उपायों से यह स्पष्ट हो गया कि वायरल वीडियो में दिख रहे नारे नहीं लगे थे और यह पूरी तरह से एडिट किया गया है।

सच्चाई का निष्कर्ष

अंत में, यह कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो झूठा है। इसमें दिखाए गए नारे ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का कोई साक्ष्य नहीं है, और यह वीडियो किसी भी तरह के वास्तविक घटना का हिस्सा नहीं है। यह वीडियो एडिट किया गया है और इसमें दूसरे कार्यक्रम का ऑडियो जोड़ा गया है। बिहार के सासाराम में 24 सितंबर को हुए एनडीए कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम का वीडियो है, जिसमें ऐसी कोई नारेबाजी नहीं हुई थी।

निष्कर्ष और सतर्कता का संदेश

यह मामला यह भी दिखाता है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो और खबरों की सत्यता की जांच कितनी आवश्यक है। हमें चाहिए कि बिना पुष्टि किए किसी भी खबर या वीडियो को साझा न करें। फैक्ट चेकिंग से ही झूठी खबरों का पर्दाफाश किया जा सकता है और समाज में भ्रम और फिज़ूल की अफ़वाहों से बचा जा सकता है।

सारांश में:

  • वायरल वीडियो एडिटेड है और उसमें दूसरे कार्यक्रम का ऑडियो जोड़ा गया है।
  • यह वीडियो सासाराम में 24 सितंबर को हुए एनडीए कार्यकर्ता संवाद का है।
  • वीडियो में ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे नहीं लगे थे।
  • सोशल मीडिया पर फैलाया गया दावा झूठा है और इसकी पुष्टि तकनीकी विश्लेषण से हुई है।

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