दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहरुख और गौरी खान को किया समन; मानहानि केस में समीर वानखेड़े ने मांगा 2 करोड़ का मुआवजा
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अभिनेता शाहरुख खान, उनकी पत्नी गौरी खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स को समन जारी किया है, जो कि पूर्व एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मामले में है। इस मामले में वानखेड़े ने वेब शो ‘The Ba**ds Of Bollywood’ पर अपने प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए 2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। अदालत ने सभी पक्षों को अपने जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय दिया है और अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
मामले का विवरण और वानखेड़े का आरोप
समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में दावा किया है कि 18 सितंबर को रिलीज हुई इस वेब सीरीज ने उनकी छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया है। इस शो का निर्माण शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने किया है, और इसे नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम किया गया है। वानखेड़े का कहना है कि इस सीरीज में उनके जैसे दिखने वाले एक किरदार को दर्शाया गया है, जो एनसीबी अधिकारी की भूमिका में है, और इस दृश्य में उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया गया है।
वानखेड़े का तर्क है कि शो में उनके नाम या पहचान का सीधे तौर पर उल्लेख न करते हुए भी, दर्शकों को यह प्रतीत होता है कि यह किरदार उनके ही ऊपर आधारित है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी क्रिएटिव या फिल्मी कल्पना के नाम पर किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार, इस शो ने उनके पेशेवर और सामाजिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, और सोशल मीडिया पर उनके प्रति नकारात्मक प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है, जिससे उनकी सार्वजनिक छवि को गंभीर क्षति पहुंची है।
याचिका में वानखेड़े ने यह भी कहा है कि यह शो न केवल झूठा है, बल्कि यह उनकी ईमानदारी और पेशेवर छवि पर भी सवाल खड़ा करता है। उन्होंने यह भी मांग की है कि इस कंटेंट को मानहानिकारक घोषित किया जाए और इसके प्रसारण पर रोक लगाई जाए। साथ ही, उन्होंने 2 करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा है, जिसे वह अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए जरूरी मानते हैं।
सुनवाई और कोर्ट का निर्णय
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की शुरुआती सुनवाई के दौरान सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए हैं और उन्हें सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी तय किया है कि 30 अक्टूबर को सभी पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी। इस सुनवाई में वानखेड़े के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है और उन्हें उचित मुआवजा चाहिए।
कुल मिलाकर, यह मामला भारतीय मनोरंजन और न्यायपालिका के बीच एक महत्वपूर्ण टकराव के रूप में देखा जा रहा है, जहां एक ओर दर्शकों की अभिव्यक्ति और क्रिएटिव स्वतंत्रता का सम्मान जरूरी है, वहीं दूसरी ओर किसी व्यक्ति की निजी और पेशेवर छवि की रक्षा भी महत्वपूर्ण है। अदालत के फैसले का पूरे देश में ध्यान है, और यह उम्मीद की जा रही है कि न्याय प्रक्रिया निष्पक्ष और तटस्थ रूप से आगे बढ़ेगी।
इस पूरे प्रकरण ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल मीडिया और वेब शो जैसे नए माध्यमों में भी मानहानि और प्रतिष्ठा की रक्षा का अधिकार मजबूत है, और किसी भी कल्पनात्मक कहानी का उपयोग किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। जैसे-जैसे सुनवाई आगे बढ़ेगी, दर्शकों और पंक्तिकारों की नजरें इस मामले पर टिकी हैं कि न्यायालय क्या फैसला देता है।



