मैथिली ठाकुर के बाद बिहार की राजनीति में कौन-कौन से सितारे उतरने की तैयारी में ?
बिहार चुनाव के बीच भोजपुरी सिनेमा और संगीत जगत से राजनीति में कदम बढ़ाने की चर्चा तेज हो रही है। खासतौर पर लोकप्रिय लोकगायिका मैथिली ठाकुर के बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इससे पहले, भोजपुरी के पावर स्टार और मशहूर अभिनेता पवन सिंह भी बीजेपी में वापसी कर चुके हैं। अब लगता है कि बिहार की सियासत में भोजपुरी सितारों का प्रभाव और बढ़ने वाला है।
बिहार की विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 6 और 11 अक्टूबर को निर्धारित है। जैसे-जैसे चुनाव का समय करीब आ रहा है, सत्ताधारी एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) अपनी ताकत बढ़ाने में जुटा है। बीजेपी, जो इस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है, ने अपने स्टार प्रचारकों और स्थानीय नेताओं पर फोकस बढ़ा दिया है।
पवन सिंह की बीजेपी में वापसी के बाद अब चर्चा है कि मैथिली ठाकुर भी कमल निशान पर चुनाव लड़ सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक, मैथिली ठाकुर की बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के साथ मुलाकात हो चुकी है। इस मुलाकात के बाद, मैथिली ने भी सोशल मीडिया और मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह बीजेपी के साथ हैं और एनडीए का समर्थन करती हैं।
मैथिली ठाकुर का कहना है कि, “मैं दिल्ली में रहती हूं, लेकिन मेरी आत्मा बिहार से जुड़ी है। मैं बिहार की जनता की सेवा करना चाहती हूं और विकास में योगदान देना चाहती हूं।” उन्होंने कहा कि उनके पास राजनीतिक योजनाएं और जनता की सेवा का जज़्बा है। वह मिथिलांचल से हैं, लेकिन पूरे बिहार में उनकी लोकप्रियता है।
बता दें कि भोजपुरी सिनेमा और संगीत जगत से पहले ही कई कलाकार राजनीतिक मैदान में उतर चुके हैं। इनमें से सबसे प्रमुख नाम हैं विनय बिहारी। वह तीन बार के विधायक हैं और बीजेपी में हैं। उनका राजनीतिक अनुभव और स्थानीय पहचान पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
बिहार में चुनावी फाइट में बीजेपी का ध्यान लोकल स्टार्स और प्रसिद्ध हस्तियों पर है, जो अपने क्षेत्रीय प्रभाव के बल पर मतदाताओं का समर्थन हासिल कर सकते हैं। मैथिली ठाकुर की उम्मीदवारी से महिला मतदाताओं का समर्थन मिलना भी बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है। जातीय समीकरणों से परे, महिला वोटरों को लुभाने का यह एक अच्छा मौका है।
बिहार की राजनीति में भोजपुरी कलाकारों का वर्चस्व बढ़ रहा है, जो चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा बन गया है। इससे पहले पवन सिंह ने बीजेपी का समर्थन किया था, और अब मैथिली ठाकुर का नाम भी चर्चा में है। दोनों कलाकारों का राजनीतिक मैदान में उतरना बिहार की सियासत को नए आयाम दे सकता है।
यह स्पष्ट है कि बिहार चुनाव में भोजपुरी सितारों का प्रभाव बढ़ रहा है, और वे अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल कर राजनीतिक ताकत बनाने की कोशिश में हैं। इससे न केवल क्षेत्रीय राजनीति में बदलाव देखने को मिलेगा, बल्कि भोजपुरी संस्कृति और जनता के बीच उनकी पैठ भी मजबूत होगी।
बिहार की चुनावी जंग में स्टार पावर का यह खेल अब नई दिशा ले रहा है, जिसमें कलाकारों का राजनीतिक रास्ता आसान बनाने में मदद मिल सकती है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मैथिली ठाकुर जैसे सितारे चुनाव लड़ते हैं या नहीं, और उनका चुनावी सफर कितना सफल होता है।



