पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन ,संगीत जगत में शोक
वाराणसी / मिर्ज़ापुर , 2 अक्टूबर 2025 : भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत और पद्म विभूषण सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
वे लम्बे समय से बीमार थे और गुरूवार सुबह 4:15 बजे मिर्ज़ापुर स्थित अपने निवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा।
उनकी पुत्री प्रो. नम्रता मिश्रा ने बताया की पंडित जी को बीते शनिवार दिल का दौरा पड़ा था और उन्हें मिर्ज़ापुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बावजूद उनकी स्थिति बिगड़ती रही और गुरूवार की सुबह उनका निधन हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ। वे जीवनपर्यंत भारतीय कला और संस्कृति की समृद्धि के लिए समर्पित रहे। शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने और भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने में उनका योगदान अमूल्य है। शोक की इस घड़ी में मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। ओम शांति।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि पंडित मिश्र का जाना संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के हरिहरपुर गांव में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता से लेने के बाद उन्होंने बनारस में विधिवत संगीत शिक्षा प्राप्त की। वे किराना घराने के उस्ताद अब्दुल गनी खां के शिष्य रहे और बनारस घराने की गायकी, विशेषकर ख्याल और पूरब अंग की ठुमरी में महारत हासिल की। उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठुमरी गायकी के प्रमुख प्रतिपादक के रूप में ख्याति प्राप्त हुई।
पंडित मिश्र को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, नौशाद पुरस्कार और यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया। वे संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप से भी अलंकृत हुए।



