“बस्ती: सरकारी योजनाओं में ब्लॉक प्रमुख यशकांत सिंह के खिलाफ फर्जीवाड़े के खुलासे”
रामनगर, बस्ती: बस्ती जिले के रामनगर ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख यशकांत सिंह पर सरकारी योजनाओं में व्यापक भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। सूचना के अधिकार (RTI) के माध्यम से प्राप्त दस्तावेजों और सूत्रों की रिपोर्ट से पता चला है कि ब्लॉक प्रमुख और उनके करीबी सहयोगी सरकारी फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं।
RTI के माध्यम से प्राप्त दस्तावेज़ बताते हैं कि कई सरकारी परियोजनाओं में फर्जी बिलिंग और धन का गलत इस्तेमाल किया गया। इसमें प्रमुख तौर पर निम्नलिखित खुलासे शामिल हैं:
प्लास्टिक कूड़ेदान घोटाला:
. लाखों रुपए के प्लास्टिक कूड़ेदान खरीदे गए।
. प्रत्येक कूड़ेदान की लागत ₹8,850 बताई गई।
. खरीदी गई फर्म AADYA के बिल फर्जी पाए गए हैं, और GST नंबर भी गलत दर्ज है।
. सूत्रों का दावा है कि यह फर्म ब्लॉक प्रमुख यशकांत सिंह के रिश्तेदार के नाम से पंजीकृत की गई थी, जिससे लाखों रुपए निकाले गए।
फर्जी बिल और दोहरी भुगतान:
. कई ग्राम पंचायतों के प्रधानों द्वारा कराए गए कार्यों को फर्जी तौर पर दोबारा दिखाकर सरकारी धन निकाला गया।
. दर्जनों वॉटर कूलर और अन्य उपकरणों में भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा हुआ।
भाई-भतीजावाद और कमीशनखोरी:
. सरकारी फंड का निजी संपत्ति निर्माण और व्यक्तिगत लाभ के लिए दुरुपयोग किया गया।
. टेंडर और योजनाओं में भाई-भतीजावाद और कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं।
सूत्रों का कहना है कि ब्लॉक प्रमुख यशकांत सिंह और उनके करीबी सरकारी योजनाओं के फंड का उपयोग निजी लाभ के लिए कर रहे हैं। यह मामला विशेष रूप से उन योजनाओं से जुड़ा है, जिनका उद्देश्य ग्रामीण विकास और स्वच्छता को बढ़ावा देना था।
इस भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त, उत्तर प्रदेश में दर्ज कराई गई है। अब देखना यह होगा कि जांच कब और कैसे शुरू होती है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कब की जाती है।
रामनगर ब्लॉक में सामने आए यह आरोप स्थानीय प्रशासन और सरकारी योजना कार्यान्वयन में गड़बड़ी को उजागर करते हैं। RTI के खुलासे से यह साफ हो गया है कि सरकारी फंड का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और जांच कितनी आवश्यक है।



