लखनऊ : क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी का स्वीमिंग पूल में संदिग्ध परिस्थितियों में निधन
राजधानी लखनऊ में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। क्राइम ब्रांच में तैनात वरिष्ठ अधिकारी इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी का 35वीं बटालियन PAC के स्वीमिंग पूल में डूबकर निधन हो गया। घटना की खबर मिलने के बाद पुलिस आयुक्त समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार, इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी अपने ड्यूटी शेड्यूल के बाद मॉक अभ्यास और नहाने के लिए 35वीं बटालियन PAC के स्वीमिंग पूल में गए थे। इसी दौरान अचानक उन्हें पानी में डूबा पाया गया।
पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत उन्हें बाहर निकाला और अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
घटना स्थल पर पहुंची पुलिस आयुक्त ने कहा कि मौत की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है और इसका पूरा मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि:
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
प्रारंभिक जांच में किसी अपराध या बाहरी हस्तक्षेप के संकेत नहीं मिले हैं।
जांच के दौरान स्वास्थ्य कारणों, सुरक्षा नियमों और अन्य पहलुओं की समीक्षा की जाएगी।
पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और सहयोगी कर्मी घटना पर गहरा शोक व्यक्त कर रहे हैं।
अश्वनी चतुर्वेदी क्राइम ब्रांच में तैनात थे और विभाग में अपने कार्य के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच की थी और उनका योगदान पुलिस विभाग में सराहनीय माना जाता था। उनकी अचानक मौत ने पुलिस विभाग और उनके सहयोगियों को सदमे में डाल दिया है।
साथ ही, परिवार और करीबी मित्रों ने भी इस दुःखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
पुलिस ने कहा है कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। इसमें यह देखा जाएगा कि:
सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया या नहीं।
स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या थी या दुर्घटना हुई।
कहीं किसी तरह की लापरवाही या अन्य संदिग्ध परिस्थिति तो नहीं।
वर्तमान में, शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट के आने के बाद ही सटीक कारण सार्वजनिक किए जाएंगे।
इस घटना ने पुलिस विभाग और आम जनता के बीच सुरक्षा और जागरूकता के महत्व को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सभी पुलिस कर्मचारियों के लिए स्वीमिंग और अन्य प्रशिक्षण क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए।
इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी की मौत न केवल उनके परिवार और सहयोगियों के लिए बल्कि पूरे विभाग और समाज के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा नियमों और सावधानियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जांच पूरी होने के बाद ही मौत की सही वजह सामने आएगी।



