लेह – लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन : राज्यत्व की मांग बन गई जंग
लद्दाख में आज स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। राज्यत्व और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन हिंसक हो गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 4 लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए। कई वाहन जले , करयालों में तोड़ फोड़ हुई और कर्फ्यू लगाया गया।
यह आंदोलन सोनम वांगचुक के नेतृत्व से चल रहा था ,जिन्होंने राज्यत्व और छठी अनुसूची की मांग की थी। 24 सितम्बर को प्रदर्शनकारी केंद्र की बातों से नाराज़ युवा समूहों के साथ आगे बढे। उन्होंने पुलिस पर पत्थर फेंके ,वाहनों को आग लगाई और भाजपा कार्यालयों को भी निशाना बनाया। पुलिस ने आंसू गैस , लाठीचार्ज और फायरिंग की कारवाही की। इसमें चार लोग लोग मारे गए और 80 से अधिक घायल हुए।
हिंसा के बाद कर्फ्यू लगाया गया और सुरक्षा बालों को सड़कों पर तैनात किया गया। नागरिकों के इकट्ठा होने पर पाबन्दी लगाई गई – 4 या उससे अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकते। पुलिस ने कहा की गोलीबारी ” आत्मरक्षा ” में की गयी। मंत्रालय ने वांगचुक और उनके बयानों को हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।
प्रदर्शकारियों की मांगे यह की लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। छठी अनुसूची में शामिल कर विशेष संवैधानिक सुरक्षा स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिले। भूमि ,पर्यावरण और स्तानीय संसाधनों की रक्षा।
सोनम वांगचुक ने 15 दिन के अनशन को आज समाप्त कर दिया। उन्होंने आंदोलन को और अधिक तनाव में बदलने से रोकने की अपील की। सर्कार और स्थानीय नेताओ के बीच अगली बैठक 6 अक्टूबर को दिल्ली में प्रस्तावित है। इस घटना को “लद्दाख का अभी तक का सबसे खुंरंग दिन ” कहा जा रहा है , क्योकि शांतिपूर्ण आंदोलन अचानक हिंसा की ओर बदल गया।



