अडानी को 1 रुपये में 1050 एकड़ जमीन ,कांग्रेस का पटना में प्रदर्शन
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भागलपुर के पीरपैंती में पावर प्लांट की जमीन को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को पटना में प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार और बिहार की नीतीश सरकार ने अडानी समूह को मात्र 1 रुपये सालाना में 1050 एकड़ जमीन दे दी है, जिसके कारण स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
इसके साथ ही, कहा जा रहा है कि इस परियोजना के लिए पीरपैंती में 10 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं। कांग्रेस नेता राजेश राम ने बताया कि पार्टी ने अडानी ग्रुप को जमीन देने के विरोध में पटना में मार्च निकाला और पार्टी कार्यालय से राजेंद्र बाबू की समाधि तक पैदल प्रदर्शन किया।
राजेश राम ने आरोप लगाया कि बिहार में एनडीए सरकार किसानों और युवाओं के भविष्य को अडानी के हाथों गिरवी रख रही है। उन्होंने कहा, “1 रुपये प्रति वर्ष की दर से 1050 एकड़ जमीन और 10 लाख पेड़ों की बलि देना न सिर्फ किसानों के साथ अन्याय है, बल्कि यह बिहार की जनता के साथ एक बड़ी लूट है।”
बता दें कि बीते 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भागलपुर जिले के पीरपैंती में 2400 मेगावाट क्षमता वाली अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शिलान्यास किया था। पीएम ने कहा था कि यह परियोजना करीब 29,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है और पूरे पूर्वी भारत की सबसे बड़ी कोयला आधारित बिजली परियोजना होगी।
प्रोजेक्ट के तहत, बिहार सरकार और अडानी पावर लिमिटेड के बीच करार हुआ है, जिसमें तीन 800 मेगावाट की इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इसके लिए कोयले की आपूर्ति झारखंड के गोड्डा जिले के ईसीएल राजमहल खदान से होगी, जबकि पानी की व्यवस्था गंगा नदी से की जाएगी।
कांग्रेस का आरोप है कि इस प्रोजेक्ट के लिए अडानी ग्रुप को सरकार ने महज 1 रुपये की लीज पर जमीन दी है, जो स्थानीय और किसानों के हित में नहीं है। यह मामला चुनावी माहौल में गरमाता जा रहा है, और राजनीतिक दलों के बीच तीखी नोकझोंक जारी है।



