काठमांडु के मेयर बालेंद्र शाह बालेन क्या बनेंगे नेपाल के PM
नेपाल में युवाओं के नेतृत्व में सरकार विरोधी आंदोलन तेज हो गया है। इस आंदोलन में काठमांडु के मेयर बालेंद्र शाह बालेन और सुदन गुरुंग प्रमुख नाम हैं, जिन पर सरकार और जनता दोनों की नजरें टिकी हैं।
बालेंद्र शाह, जो विश्वेश्वरैया तकनीकी विश्वविद्यालय से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल कर चुके हैं, काठमांडु के मेयर हैं। वे अपने कठोर प्रशासन और साफ-सुथरे कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, उनके कुछ काम और बयान भारत विरोधी माने गए हैं। 2023 में उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया, खासकर फिल्म ‘आदिपुरुष’ में माता सीता को “भारत की बेटी” कहने को लेकर। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने नेपाल के कुछ हिस्सों पर जबरन कब्जा किया है।
इसके अलावा, बालेन शाह ने अपने कार्यालय में “ग्रेटर नेपाल” का नक्शा लगाया है, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और सिक्किम जैसे भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस नक्शे का आधार ऐतिहासिक सुगौली संधि से पहले के नेपाल के क्षेत्रीय दावों पर है। यह कदम भारत में कई लोगों को उकसाने वाला माना गया है।
नेपाल के कानूनी विशेषज्ञों ने इस कदम की आलोचना की है, क्योंकि मेयर का अधिकार केवल काठमांडू तक सीमित है, न कि राष्ट्रीय नीतियों पर। इस आंदोलन के कारण नेपाल में हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है। भारत ने नेपाल में हाल के घटनाक्रम पर चिंता जताई है और नेपाली नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
यह आंदोलन युवा वर्ग की नाराजगी का प्रतीक है, जो बेरोजगारी और राजनीतिक स्थिरता की कमी से परेशान है। नेपाल में चल रहे इन कदमों से देश की राजनीति और भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।



