नाम बदल लेना चाहिए, मुझे मुस्लिम नाम रखने का अधिकार नहीं है -जावेद अख्तर
मशहूर शायर और फिल्मकार जावेद अख्तर ने हाल ही में कट्टरपंथियों के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उन्हें न तो हिंदू कट्टरपंथियों से ही उम्मीद है और न ही मुस्लिम कट्टरपंथियों से। अख्तर ने बताया कि अक्सर दोनों पक्ष उनके खिलाफ नफरत का प्रदर्शन करते हैं।
जावेद अख्तर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा, “मुस्लिम मुझे काफ़िर कहते हैं और हिंदू मुझे पाकिस्तान जाने को कहते हैं।” यह प्रतिक्रिया उस घटना के बाद आई है जब कोलकाता के उर्दू अकादमी में उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। हालांकि, कुछ Muslim तंजीमों के विरोध के कारण सरकार ने दबाव में उनका नाम कार्यक्रम से हटा दिया और आयोजन रद्द कर दिया।
अख्तर ने आगे कहा, “उन्हें हिंदू और मुस्लिम दोनों ही कट्टरपंथियों से लगातार नफरत मिलती है। कुछ ने मुझे जिहादी कहा और कहा कि मुझे पाकिस्तान चले जाना चाहिए। कई ने कहा कि मैं काफ़िर हूँ और मैं 100 प्रतिशत दोज़ख में जाऊंगा। उन्होंने यहां तक कहा कि मुझे अपने नाम बदल लेने चाहिए और मुस्लिम नाम रखने का अधिकार नहीं है।”
जावेद अख्तर ने सवाल उठाया कि इन दोनों ही पक्षों से और क्या उम्मीद की जा सकती है, यह दिखाता है कि कट्टरपंथी सोच कितनी गहरी पैठ बना चुकी है।



