लखनऊ: नगर निगम लखनऊ के संपत्ति विभाग का धरना प्रदर्शन शुरू
प्रमुख संवाददाता नगर निगम का थप्पड़ कांड अब धरना प्रदर्शन में बदल गया है। नगर निगम के संपत्ति विभाग के सभी अधिकारी, राजस्व निरीक्षक और लेखपालों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। 25 अगस्त को मिर्जापुर मसतेमऊ में अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान किसान राममिलन रावत और नगर निगम टीम के बीच कहासुनी हुई। आरोप है कि नायब तहसीलदार रत्नेश श्रीवास्तव ने ग्रामीण को जोरदार थप्पड़ मार दिया, जिससे उसके कान से खून बहने लगा।
हालत बिगड़ने पर किसान को सिविल अस्पताल से पीजीआई ट्रॉमा सेंटर रेफर करना पड़ा। ग्रामीणों के विरोध और आंदोलन के दबाव में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में नायब तहसीलदार और उनके लेखपाल पर एफआईआर दर्ज हुई।अब पलटवार की तैयारी एफआईआर से नाराज निगमकर्मी अब धरने पर बैठ गए है । उनका दावा है कि यह मुकदमा पूरी तरह फर्जी है और कर्मचारियों को फंसाने की साजिश है। प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश चकबंदी लेखपाल संघ भी आंदोलन में कूद पड़े हैं नगर निगम लखनऊ के संपत्ति विभाग के कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और धरना प्रदर्शन पर डटे हुए हैं। यह आंदोलन फर्जी FIR के खिलाफ है, जिसमें विभाग के अधिकारियों, राजस्व निरीक्षकों और लेखपालों ने विरोध दर्ज कराया है।
मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन हो रहा है, जिसमें प्रदेश के कई जिलों से कर्मचारी शामिल हुए हैं। इन कर्मचारियों का आरोप है कि उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसे वापस लेने की मांग की जा रही है। उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की भी आवाज उठाई है।आंदोलन का नेतृत्व यूपी चकबंदी लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष आलोक यादव कर रहे हैं, जबकि राजस्व लेखपाल संघ लखनऊ के जिलाध्यक्ष दिलीप बॉथम भी आंदोलन में उपस्थित हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में विभागीय कर्मचारी धरना स्थल पर मौजूद हैं।कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और अधिक उग्र हो सकता है। विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि उनकी कार्रवाई और गिरफ्तारी को लेकर गलतफहमी दूर की जाए, और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो।



